केंद्र सरकार ने दी मंज़ूरी बिहार में दो हज़ार नए आंगनबाड़ी केंद्र खुलेंगे,
31 जुलाई, 2022 को बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने बताया कि केंद्र सरकार ने बिहार में दो हज़ार नए आंगनबाड़ी केंद्रों की
स्थापना के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
मदन साहनी ने बताया कि केंद्र सरकार से मंज़ूरी प्राप्त दो हज़ार नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। जल्द ही
इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में खोला जाएगा। इनके माध्यम से कुपोषित बच्चों व महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाया जाएगा।
समाज कल्याण विभाग के सूत्रों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र 400 से 800 की जनसंख्या पर बनाए जाते हैं। जनसंख्या के आधार पर ग्राम
पंचायत क्षेत्र में एक अथवा एक-से-अधिक आंगनबाड़ी केंद्र हो सकते हैं। आंगनबाड़ी कायकर्त्ता तथा सहायिका केंद्र को चलाते हैं।
जानकारी के अनुसार समाज कल्याण विभाग ने राज्य में 20 हज़ार नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना और उसके अनुसार केंद्रीय सहायता
प्रदान करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसकी मंज़ूरी नहीं मिली है।
गौरतलब है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में केंद्र व राज्य सरकार मिलकर वित्तीय सहायता देती हैं।
आंगनबाड़ी केंद्र सुदूर ग्रामीण इलाकों में वंचित व गरीब तबकों तक सरकारी योजनाओं को पहुँचाने का सशक्त माध्यम हैं।
समेकित बाल विकास सेवाएँ निदेशालय (आईसीडीएस) के तहत वर्तमान में राज्य में 1 लाख 12 हज़ार 94 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं।
इनमें वास्तविक रूप से अभी 10 लाख आंगनबाड़ी केंद्र ही क्रियाशील हैं।
राज्य में वर्तमान में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में 99 लाख 23 हज़ार 915 लाभार्थी हैं। इनमें 0 से 6 साल के बच्चे, किशोरी व गर्भवती एवं
शिशुवती महिलाएँ शामिल हैं। शिशुओं के प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य, बाल पोषण, विद्यालय शिक्षा तथा बच्चों के टीकाकरण में
आंगनबाड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही छात्राओं को फ्री कोचिंग
1 अगस्त, 2022 को बिहार के पिछड़ा और अतिपिछड़ा कल्याण विभाग के सचिव पंकज कुमार ने बताया कि राज्य में मेडिकल और
इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहीं पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग की छात्राओं को बिहार सरकार फ्री में ऑनलाइन कोचिंग कराएगी।
प्रमुख बिंदु
सचिव पंकज कुमार ने बताया कि कन्या आवासीय स्कूलों में पढ़ रही छात्राओं के अलावा पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के हॉस्टल में रहकर
पढ़ने वाली छात्राओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग बिहार के सभी 38 ज़िलों में पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के कन्या आवासीय उच्च माध्यमिक स्कूलों
में ऑनलाइन शिक्षा शुरू करेगा। 35 हज़ार से ज़्यादा छात्राओं को इसका फायदा मिलेगा।
सरकार की ओर से मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही छात्राओं को इंटरनेट भी मुफ्त मिलेगा। साथ ही छात्राओं को प्रसिद्ध कोचिंग
सेंटरों के स्टडी मैटेरियल भी दिये जाएंगे। छात्राओं के लिये एक सप्ताह में विशेष क्लास भी लगेगी, जिससे तैयारी में किसी तरह की दिक्कत
या परेशानी न आए।
पंकज कुमार ने बताया कि समाज कल्याण विभाग ने इस पूरी योजना को लेकर ऑनलाइन क्लास चलाने के लिये टीवी स्क्रीन, इंटरनेट और
व्हाइट बोर्ड तक की तैयारी कर ली है।
अतुल प्रसाद बने बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष
4 अगस्त, 2022 को सामान्य प्रशासन विभाग ने विकास आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए अतुल प्रसाद को बिहार लोक सेवा आयोग
(बीपीएससी) का अध्यक्ष बनाए जाने के आशय की अधिसूचना जारी की।
प्रमुख बिंदु
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति की अधिसूचना 5 अगस्त से प्रभावी होगी।
अतुल प्रसाद की कार्य अवधि पदभार की तारीख से छह वर्ष या फिर 62 वर्ष की उम्र सीमा तक होगी।
अतुल प्रसाद को बिहार लोक सेवा आयोग के निवर्तमान अध्यक्ष आर.के. महाजन के स्थान पर आयोग का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
आर.के. महाजन का कार्यकाल 4 अगस्त, 2022 को समाप्त हो गया है।
अतुल प्रसाद विकास आयुक्त के पद से इसी साल सेवानिवृत्त हुए हैं। इस प्रकार भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर अधिकारियों को बिहार
लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने की परंपरा इस बार भी जारी रही।
निवर्तमान अध्यक्ष आर.के. महाजन बिहार लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने से पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे। उनके पूर्व
भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद शिशिर सिन्हा को बिहार लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था।
बिहार केटूरिस्ट प्लेस और तीर्थ स्थल बनेंगे नगर निकाय
5 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार के पर्यटन स्थलों, तीर्थ स्थलों, पहाड़ी क्षेत्रों
और मंडी शहरों को नगर निकाय के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
बिहार में स्थित तीर्थ स्थल, पर्टयन स्थलों, पहाड़ी क्षेत्रों और मंडी शहरों को नगर निकाय (नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत) के
रूप में विकसित करने का प्रस्ताव नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा लाया गया था।
कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद अब नगर एवं आवासन विभाग पहाड़ी क्षेत्र, तीर्थ स्थल, पर्यटन स्थल या मंडी शहर को नगर पालिका के रूप में
अधिसूचित कर सकेगा।
इस प्रस्ताव के तहत 1.5 लाख से ज़्यादा की आबादी वाले तीर्थ स्थल और टूरिस्ट प्लेस को नगर निगम बनाया जाएगा। वहीं, 30 हज़ार से
डेढ़ लाख तक की आबादी वाले इन स्थलों को नगर परिषद और 9000 से 30 हज़ार तक की जनसंख्या वाले स्थलों को नगर पंचायत बनाया
जाएगा।
बिहार की 106 साल पुरानी खगोलीय वेधशाला यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल
हाल ही में बिहार के मुज़फ्फरपुर ज़िले के लंगट सिंह कॉलेज में स्थापित 106 साल पुरानी खगोलीय वेधशाला को यूनेस्को की लुप्तप्राय
धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
यह वेधशाला पूर्वी भारत में अपनी तरह की पहली वेधशाला है। इसकी स्थापना 1916 में उक्त कॉलेज परिसर में छात्रों को खगोलीय ज्ञान
प्रदान करने के लिये की गई थी।
लंगट सिंह कॉलेज के प्राचार्य ओ.पी. रॉय ने बताया कि वर्ष 1946 में कॉलेज में एक तारामंडल भी स्थापित किया गया था। 1970 के बाद
वेधशाला के साथ-साथ तारामंडल की स्थिति धीरे-धीरेगिरने लगी और वहाँ स्थापित अधिकांश मशीनें या तो खो गई हैं या कबाड़ में तब्दील
हो गई हैं।
यूनेस्को की लुप्तप्राय विरासत वेधशालाओं की सूची में शामिल होने के बाद अब इसे पुनर्जीवित करने और संरक्षित करने की उम्मीदें जगी
हैं। कॉलेज के रिकॉर्ड के अनुसार, प्रो. रोमेश चंद्र सेन ने कॉलेज में खगोलीय वेधशाला स्थापित करने की पहल करते हुए फरवरी 1914 में जे
मिशेल (एक खगोलशास्त्री और पश्चिम बंगाल में वेस्लेयन कॉलेज, बांकुरा के प्रिंसिपल) से परामर्श किया था। 1915 में इंग्लैंड से एक
दूरबीन, खगोलीय घड़ी, क्रोनोग्राफ और अन्य उपकरण प्राप्त किये गए तथा 1916 में खगोलीय वेधशाला ने काम करना शुरू किया।
नीतीश कुमार आठ वीं बार बने बिहार के मुख्यमंत्री
10 अगस्त, 2022 को जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) के नेता नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता
की शपथ ली। राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें शपथ दिलायी।
प्रमुख बिंदु
वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ ली। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने बिहार के
मुख्यमंत्री के रूप में आठवीं बार जबकि तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ ली है।
9 अगस्त, 2022 को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से जनता दल यूनाइटेड के अलग होने के बाद नीतीश
कुमार को जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कॉन्ग्रेस की संयुक्त बैठक में सर्वसम्मति से महागठबंधन का नेता चुना गया। इसके
उपरांत नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मिलकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
इन्होंने सात दलों के 164 विधायकों के समर्थन की सूची राज्यपाल को सौंपी। इनमें राष्ट्रीय जनता दल, कॉन्ग्रेस, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा,
वामपंथी दलों और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार 3 मार्च, 2000 को पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। उसके उपरांत वर्ष 2005 से 2010 तक, 2010 से
2014 तक, फिर वर्ष 2015 में, 2015 से 2017 तक, 2017 से 2020 तक, 2020 से 8 अगस्त, 2022 तक और पुनः 2022 में अब 8वीं
बार मुख्यमंत्री बने हैं।
रोहतास में तीन जवानों को किया गया सम्मानित
15 अगस्त, 2022 को बिहार के रोहतास पुलिस लाइन में आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में रोहतास पुलिस के तीन जवानों को राष्ट्रपति
पुलिस सराहनीय सेवा मेडल से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
रोहतास ज़िले के एसपी आशीष भारती एवं डीएम धर्मेंद्र कुमार द्वारा तीनों जवानों-सिपाही दीपक कुमार पोद्दार, व्यास प्रसाद और बसंत कुमार
को यह सम्मान पत्र दिया गया।
इस अवसर पर एसपी ने बताया कि रोहतास पुलिस द्वारा 6 योग्य पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों का प्रस्ताव भेजा गया था, जिनमें से 3
पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस सराहनीय सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है।
विदित हो कि 76वें स्वतंत्रता दिवस के पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति पुलिस मेडल की घोषणा की गई है। उनमें रोहतास के तीन पुलिस कांस्टेबल
के नाम शामिल किये गए हैं। जिन पुलिस जवानों को राष्ट्रपति मेडल मिला है उनमें डेहरी पुलिस लाइन के जवान दीपक कुमार पोद्दार एवं
रोहतास ज़िला पुलिस के दो जवान व्यास प्रसाद और बसंत कुमार शामिल हैं।
एसपी ने बताया कि राष्ट्रपति पुलिस सराहनीय सेवा पदक सर्वोच्च पुलिस पुरस्कारों में से एक है। यह उन पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों को
दिया जाता है जो अपने सेवा का कम से कम 18 साल पूरा कर चुके हों तथा इनका पूरा सेवा काल सरहानीय रहा हो।
उल्लेखनीय है कि सिपाही दीपक कुमार पोद्दार वर्ष 2000 से, व्यास प्रसाद वर्ष 1999 से एवं बसंत कुमार वर्ष 2000 से पुलिस सेवा में कार्यरत
हैं।
मिथिला के मखाने को मिला जीआई टैग
20 अगस्त, 2022 को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि केंद्र सरकार ने दुनिया भर में मशहूर बिहार के मिथिला
के मखाना को जीआई (जियोग्रॉफिकल इंडिकेशन) टैग प्रदान किया है।
प्रमुख बिंदु
मिथिला के मखाना सहित अब तक राज्य के 5 कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। इससे पहले, वर्ष 2016 में भागलपुर के जर्दालू
आम और कतरनी धान, नवादा के मगही पान तथा मुज़फ्फरपुर की शाही लीची को जीआई टैग प्रदान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मिथिला के मखाने दुनिया भर में मशहूर हैं। इन मखानों का स्वाद और इन्हें प्राकृतिक रूप से उगाए जाने की प्रक्रिया इन्हें
खास बनाती है। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में मिलने वाले 90% से ज़्यादा मखाने मिथिला से ही आते हैं।
जीआई टैग मिलने से अब मिथिला क्षेत्र के लगभग पाँच लाख किसानों और मखाना उत्पादकों को उनके उत्पाद का और बेहतर दाम मिल
पाएगा।
गौरतलब है कि जीआई टैग मुख्यरूप से एक प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान), जो एक निश्चित भौगोलिक
क्षेत्र से उत्पन्न होता है, को दिया जाता है। आमतौर पर ऐसा नाम गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है, जो इसके मूल स्थान के
कारण होता है।
जीआई पंजीकरण के लाभों में उस वस्तु की कानूनी सुरक्षा, दूसरों द्वारा अनधिकृत उपयोग के खिलाफ रोकथाम और निर्यात को बढ़ावा देना
शामिल हैं।
विदित है कि मखाना मूलरूप से पानी में उगाई जाने वाली फसल है। इसमें 9.7 ग्राम प्रोटीन और 14.4 ग्राम फाइबर होता है। साथ ही यह
कैल्शियम का भी अच्छा स्रोत है। इसका इस्तेमाल लोग मिठाई, नमकीन और खीर बनाने में करते हैं। इसके अलावा दूध में भिगोकर इसे छोटेबच्चों को खिलाया जाता है।
देवेश चंद्र ठाकुर बने बिहार विधान परिषद के सभापति
24 अगस्त, 2022 को जदयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर बिहार विधान परिषद के सभापति चुने गए हैं। महागठबंधन के उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर
सभापति पद के लिये निर्विरोध निर्वाचित हुए।
प्रमुख बिंदु
गौरतलब है कि विधान परिषद में कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह की जगह देवेश चंद्र ठाकुर सभापति निर्वाचित हुए हैं।
बिहार विधान परिषद सभापति के पद के लिये महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर देवेश चंद्र ठाकुर ने 24 अगस्त को अपना नामांकन
दाखिल किया था।
विधानपरिषद के सभापति के चुनाव को लेकर 25 अगस्त को विशेष बैठक आयोजित होनी थी, लेकिन विपक्ष की तरफ से किसी उम्मीदवार
के नामांकन दाखिल नहीं करने के कारण महागठबंधन के उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर को निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया।
देवेश चंद्र ठाकुर नीतीश कुमार की सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री रहे हैं, साल 2002 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तिरहुत स्नातक निर्वाचन
क्षेत्र से चुनाव जीते थे। इसके बाद वह 2004 में जदयू में शामिल हो गए थे। 2008 में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू ने उन्हें उम्मीदवार
बनाया और वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे और नीतीश सरकार में मंत्री बने।
बिहार के दो साहित्यकारों को साहित्य अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार 2022 देने की घोषणा
24 अगस्त, 2022 को साहित्य अकादमी ने 22 भाषाओं के लेखकों-लेखिकाओं को अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार 2022 दिये जाने
की घोषणा की। इसमें बिहार के दो साहित्यकार जफर कमाली और डॉ. वीरेंद्र झा भी शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने एक विज्ञप्ति में बताया कि साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में
अकादमी के कार्यकारी मंडल की हुई बैठक में लेखक-लेखिकाओं का साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार 2022 व साहित्य अकादमी
युवा पुरस्कार के लिये अनुमोदन किया गया।
अकादमी ने कुल 22 भाषाओं के लेखकाओं-लेखिकाओं को बाल साहित्य पुरस्कार 2022 दिये जाने की घोषणा की है, जबकि 23 भाषाओं
के लेखक-लेखिकाओं को युवा साहित्य पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।
बिहार के सीवान ज़िले के जफर कमाली को 2020 में प्रकाशित बाल कविता का संग्रह ‘हौसलों की उड़ान’के लिये उर्दू भाषा में पुरस्कार
के लिये चुना गया है।
वहीं मधुबनी के डॉ. वीरेंद्र झा को उनके मैथिली बालकथा-संग्रह ‘उड़न-छू’के लिये पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गई है।
अकादमी के सचिव ने बताया कि बाल साहित्य पुरस्कार की श्रेणी में पंजाबी भाषा में इस वर्ष पुरस्कार नहीं दिया जा रहा है, जबकि संथाली
भाषा में पुरस्कार की घोषणा बाद में की जाएगी। वहीं युवा पुरस्कार की श्रेणी में मराठी में बाद में विजेता का ऐलान किया जाएगा।
पुरस्कार के लिये चयनित लेखकों को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक तथा 50,000 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
बिहार के दो शिक्षक-शिक्षिका राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लियेचयनित
25 अगस्त, 2022 को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिये चयनित देश के विभिन्न राज्यों के 46
शिक्षकों के नाम की अंतिम सूची जारी की। इसमें बिहार के दो शिक्षक-शिक्षिका के नाम भी शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मुचयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर वर्ष
2022 के राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगी। पुरस्कार के तौर पर शिक्षक-शिक्षिकाओं को 50 हज़ार रुपए की राशि और सिल्वर मेडल दिया
जाएगा।
शिक्षक दिवस पर भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिये जाने वाले राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चयनित बिहार से दो शिक्षकों में
महादेव उच्च माध्यमिक विद्यालय खुशरूपुर, पटना की शिक्षिका निशि कुमारी और ललित नारायण लक्ष्मी नारायण प्रोजेक्ट कन्या उच्च
विद्यालय त्रिवेणीगंज, सुपौल के शिक्षक सौरव सुमन शामिल हैं।
विदित है कि राज्य सरकार द्वारा बिहार से छह शिक्षकों का नाम राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये भेजा गया था।
गौरतलब है कि शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग प्रतिवर्ष 5 सितंबर को एक राष्ट्रीय
समारोह का आयोजन करता है, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
पुरस्कारों के लिये शिक्षकों का चयन ऑनलाइन तीनस्तरीय चयन प्रक्रिया के ज़रिये पारदर्शी तरीके से किया जाता है।
शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने का उद्देश्य देश के शिक्षकों के अनूठे योगदान को रेखांकित करना और ऐसे शिक्षकों का सम्मान
करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता व परिश्रम से न सिर्फ स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी
समृद्ध किया है।
अवध बिहारी चौधरी बने बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष
26 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता अवध बिहारी चौधरी को सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा का अध्यक्ष चुना
गया।
प्रमुख बिंदु
अवध बिहारी चौधरी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के स्थान पर बिहार विधानसभा के 17वें अध्यक्ष बने हैं। गौरतलब है कि
24 अगस्त को बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
महागठबंधन ने राजद के अवध बिहारी चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष के लिये अपना प्रत्याशी बनाया था। उनके विरोध में कोई और नामांकन
नहीं हुआ, इसलिये वे सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने गए।
विधानसभा के अध्यक्ष के आसन पर बैठे महेश्वर हज़ारी ने अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया आरंभ कराई। इसके बाद ‘हम’ के जीतन राम
मांझी ने अवध बिहारी चौधरी के नाम का प्रस्ताव रखा। इसके बाद संपूर्ण सदन की सहमति से विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हज़ारी ने अवध
बिहारी चौधरी के अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की।
नए अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को परंपरा के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष ने अध्यक्ष के आसन पर जाकर बिठाया।
76 वर्षीय अवध बिहारी चौधरी सिवान से 1985, 1990, 1995, 2000 और फरवरी, 2005 तथा 2020 में विधायक चुने गए। उन्होंने 2020
में स्पीकर पद के लिये चुनाव लड़ा था, लेकिन विजय कुमार सिन्हा से मुकाबले में पिछड़ गए थे। अवध बिहारी चौधरी राबड़ी सरकार में
मंत्री भी रह चुके हैं।
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